Shahdol News: शहडोल जिले का यह गिरोह मृत बाघ के नाखून निकालकर बेचने की कोशिश कर रहा था।
- वन विभाग ने साधू का वेश अपनाकर तस्करों को पकड़ लिया।
- तस्करों के पास से बाघ के 5 नाखून बरामद किए गए।
- शहडोल वन विभाग की तत्परता से तस्करी का मामला सामने आया।
Shahdol News : मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में एक बड़ी तस्करी का भंडाफोड़ हुआ है, जिसमें चार लोग बाघ के नाखूनों की तस्करी कर रहे थे। इन तस्करों ने जंगल में मृत पड़े बाघ के शव से उसके नाखून निकालकर उसे बेचने का प्रयास किया था।
हालांकि, शहडोल वन विभाग के अधिकारियों ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए तस्करों को गिरफ्तार किया और उनके पास से बाघ के पांच नाखून भी बरामद किए। इस कार्रवाई में वन विभाग ने एक स्मार्ट रणनीति अपनाई, जिसमें उन्होंने साधू का वेश बदलकर तस्करों को पकड़ा।
क्या था पूरा मामला?
शहडोल जिले के वन विभाग को सूचना मिली थी कि कुछ लोग संजय टाइगर रिजर्व से लगे अमगांव के जंगल में एक मृत बाघ के शव से नाखून निकालने के बाद उन्हें बेचने की कोशिश कर रहे हैं। बाघ का शिकार करके उसका मांस या अन्य अंगों की तस्करी की कोशिश करने वाले ये लोग, विशेष रूप से बाघ के नाखूनों को बेचने का प्रयास कर रहे थे, क्योंकि इन नाखूनों की कीमत काफी ज्यादा होती है।
वन विभाग को मिली सूचना के बाद कार्रवाई की योजना बनाई। इस मामले को लेकर उन्होंने एक रणनीति अपनाई, जिसमें तस्करों के पास पहुंचने के लिए साधू का वेश धारण किया गया। तस्कर यह नहीं समझ सके कि वे जो व्यक्ति खरीददार के रूप में आ रहा है, वह असल में वन विभाग का अधिकारी है।
साधू के वेश में वन विभाग की टीम ने तस्करों को पकड़ा
वन विभाग की टीम ने इस कार्यवाही के दौरान साधू का वेश बदलकर तस्करों से संपर्क किया। तस्करों को विश्वास दिलाया गया कि वह बाघ के नाखूनों को खरीदने के इच्छुक हैं। इस चाल में तस्कर फंस गए और जैसे ही वे बाघ के नाखून बेचने की बात करने लगे, वन विभाग की टीम ने उन्हें रंगे हाथ पकड़ लिया।
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गिरफ्तार किए गए तस्करों की पहचान वंशपति सिंह गोड, रमेश सिंह, लालमन पनिका और जबर शाह सिंह के रूप में हुई है। ये सभी तस्कर सीधी जिले के निवासी हैं। वन विभाग ने उनके पास से पांच बाघ के नाखून जप्त किए, जो वे बेचने के लिए लिए तैयार थे।
बाघ के नाखूनों की तस्करी
बाघ के नाखूनों का व्यापार एक गंभीर अपराध है, क्योंकि यह राष्ट्रीय पशु के अंगों की तस्करी के अंतर्गत आता है। बाघ के नाखूनों का उपयोग अक्सर तंत्र-मंत्र और अंधविश्वास से जुड़े कार्यों में किया जाता है, इन नाखूनों की कीमत बहुत अधिक होती है, और यही कारण है कि अपराधी इस अवैध तस्करी में शामिल होते हैं।
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