Madhya Pradesh Corruption: बदनावर, मध्यप्रदेश: पीएम आवास की पहली किस्त देने के नाम पर मांगे 15 हजार रुपए, लोकायुक्त टीम ने 5 हजार लेते रंगे हाथों पकड़ा
- पीएम आवास की पहली किस्त देने के लिए मांगे गए थे पैसे
- रोजगार सहायक को लोकायुक्त ने रंगे हाथों दबोचा
- शिकायतकर्ता ने साहस दिखाकर लोकायुक्त में की थी रिपोर्ट
प्रधानमंत्री आवास” – नाम सुनते ही गरीबों के सपनों की झलक आती है। लेकिन जब इन्हीं सपनों पर भी कोई अफसर पैसे की डंडी मारने लगे, तो सोचिए हालात कैसे होंगे। आपको बता दे कि मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार अब सिस्टम का हिस्सा बनता जा रहा है। हर जिले से एक-एक करके रिश्वतखोरी की घटनाएं सामने आ रही हैं। ताजा मामला धार जिले के बदनावर ब्लॉक का है। यहाँ एक गरीब परिवार को उसका हक दिलाने की जगह, उससे पैसे ऐंठने की कोशिश की गई।
क्या है पूरा मामला
धार जिले के बदनावर तहसील के ग्राम दौलतपुरा निवासी अनिल निनामा और उनकी मां को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत दो अलग-अलग आवास स्वीकृत हुए थे। पहली किस्त के रूप में ₹25,000-₹25,000 की राशि मंज़ूर हुई थी। अब ये पैसा सीधे खाते में आए, इससे पहले ग्राम पंचायत सांगवी में पदस्थ रोजगार सहायक मदन लाल डामर ने अपना असली चेहरा दिखाया। ओर जनाब ने कह दिया – “किस्त चाहिए तो पहले ₹15,000 निकालो वरना अगला नंबर मत पूछो।
कैसे हुआ खुलासा?
अनिल निनामा ने इस घूसखोरी को सहने के बजाय लोकायुक्त इंदौर में सीधी शिकायत कर दी। उन्होंने बताया कि उन्हें और उनकी मां को सरकार से मिली योजना की राशि दिलाने के नाम पर रिश्वत मांगी जा रही है।
शिकायत को गंभीरता से लेते हुए लोकायुक्त टीम ने तुरंत जांच शुरू की। और जब सब पुख्ता पाया गया, तो फिर रची गई एक ट्रैप प्लान – जिसमें आरोपी रोजगार सहायक को घूस लेते रंगे हाथ पकड़ना था।
ट्रैप प्लान
गुरुवार को लोकायुक्त की टीम ने पूरा जाल बिछाया। अनिल निनामा को कहा गया कि वह ₹5,000 की रिश्वत लेकर रोजगार सहायक मदन लाल डामर के पास जाए। जैसे ही पैसे दिए गए, वैसे ही टीम ने तुरंत दबिश देकर उसे पकड़ लिया।
धारा में केस दर्ज हुआ?
मदन लाल डामर के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम 2018 की धारा 7 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।