Lokayukta Indore: धार जिले के बाग वन क्षेत्र में एक और भ्रष्टाचार का मामला सामने आया, जहां लोकायुक्त की सख्त कार्रवाई ने रेंजर को रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़ा।
- लोकायुक्त ने धार जिले में रेंजर को रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा।
- ठेकेदार ने 2 लाख रुपये रिश्वत की मांग को लेकर लोकायुक्त में शिकायत की थी।
- लोकायुक्त की सख्त कार्रवाई ने भ्रष्टाचारियों के खिलाफ एक मजबूत संदेश भेजा।
Lokayukta Indore : मध्यप्रदेश में रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। हर कुछ दिन में लोकायुक्त की टीम रिश्वतखोर अधिकारियों और कर्मचारियों को रंगेहाथ पकड़ने में सफल हो रही है। ताजे मामले में, धार जिले के बाग वन परिक्षेत्र के रेंजर वैभव उपाध्याय की करतूतों का पर्दाफाश हुआ है। रेंजर ने एक ठेकेदार से सड़क निर्माण के लिए रिश्वत मांगी।
2 लाख रुपए की रिश्वत की मांग
धार जिले के बाग वन परिक्षेत्र के रेंजर वैभव उपाध्याय ने एक ठेकेदार से काम करने के लिए रिश्वत की मांग की। इस ठेकेदार का नाम जितेन्द्र वास्कले है, जो मनावर क्षेत्र का निवासी है। जितेन्द्र ने बाग रोड से पांडु गुफा तक सड़क का निर्माण करने का ठेका लिया था,

जिसमें लगभग 2 किलोमीटर का क्षेत्र वन विभाग के अंतर्गत आता था। इस काम के लिए उसे वन विभाग से जरूरी अनुमतियां मिली थीं, लेकिन रेंजर ने बिना किसी कारण के निर्माण कार्य रोक दिया और ठेकेदार से काम जारी रखने के लिए रिश्वत की मांग की।
जानकारी के अनुसार, रेंजर ने पहले 96 हजार रुपए रिश्वत ले लिए थे, लेकिन इसके बावजूद उसकी मांग कम नहीं हुई। रेंजर ने उससे 2 लाख रुपए और रिश्वत की मांग की थी। इस बारे में जितेन्द्र ने लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत की, जिसके बाद लोकायुक्त ने जांच शुरू की।
लोकायुक्त की टीम ने किया रंगेहाथ पकड़
लोकायुक्त ने जितेन्द्र वास्कले की शिकायत की जांच की और उसे रेंजर के पास रिश्वत देने के लिए भेजा। जैसे ही रेंजर ने एक लाख रुपए की रिश्वत ली, लोकायुक्त की टीम ने उसे रंगेहाथ पकड़ लिया। रेंजर को भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम 2018 की धारा 7 के तहत गिरफ्तार कर लिया गया।
सुनील तालान, डीएसपी लोकायुक्त इंदौर pic.twitter.com/8xIPQkISsb
— jansampark Time (@Jansampark57723) April 9, 2025