IPO Fraud : नामी निवेश कंपनी के झांसे में आकर बिज़नेसमैन ने ऐप के ज़रिए निवेश किया, मुनाफे का झांसा देकर करोड़ों की ठगी, पुलिस ने दी ऑनलाइन निवेश से सतर्क रहने की सलाह।
- फर्जी ऐप और व्हाट्सऐप ग्रुप के ज़रिए निवेश का झांसा
- मुनाफा दिखाकर धीरे-धीरे 55 लाख से ज़्यादा की ठगी
- साइबर सेल में शिकायत दर्ज, जांच जारी
IPO Fraud : दिसंबर 2024 की बात है। एक 66 वर्षीय इलेक्ट्रिकल पार्ट्स का व्यापारी, जो रिटायरमेंट के बाद अपनी बचत को सही जगह निवेश करने की सोच रहा था, सोशल मीडिया पर शेयर मार्केट से जुड़े एक विज्ञापन पर क्लिक कर बैठा। विज्ञापन में IPO और ऑप्शन ट्रेडिंग के ज़रिए मोटे मुनाफे का दावा किया गया था।
लिंक पर क्लिक करते ही उसे एक व्हाट्सऐप ग्रुप में जोड़ लिया गया, जहां एक शख्स ने खुद को “मनोज जोशी” बताया – एक बड़ी इन्वेस्टमेंट कंपनी का ‘चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर’। जोशी की बातचीत इतनी प्रोफेशनल थी कि व्यापारी को उस पर भरोसा हो गया।
ऐप डाउनलोड किया
जोशी ने व्यापारी को एक ऐप डाउनलोड करने के लिए कहा, जिसे एक लिंक के ज़रिए भेजा गया। जैसे ही ऐप इंस्टॉल हुआ, व्यापारी का मोबाइल नंबर एक वर्चुअल ट्रेडिंग अकाउंट से जुड़ गया। शुरुआत में उसे 3,000 रुपये का वेलकम बोनस मिला और एक “ग्लोबल स्टॉक चैलेंज” में भाग लेने का आमंत्रण भी मिला।
धीरे-धीरे व्यापारी को कहा गया कि IPO और ऑप्शन ट्रेडिंग में निवेश करें – और भरोसा दिलाया गया कि इसमें ज़बरदस्त रिटर्न मिलेगा। शुरूआत में ऐप पर लगातार बढ़ते मुनाफे दिखाए गए। व्यापारी को लगने लगा कि उसने सही जगह पैसे लगाए हैं।
55 लाख रुपये गए, वापस कुछ नहीं आया
भरोसे की इस डोर ने व्यापारी को इतना बांध लिया कि उसने अलग-अलग किश्तों में 55.41 लाख रुपये तक निवेश कर दिए। हर बार ऐप पर ग्राफ ऊपर जाता दिखता, मुनाफा बढ़ता दिखता, जिससे व्यापारी को यकीन हो गया कि वह सही कर रहा है।
लेकिन असली खेल तब शुरू हुआ जब फरवरी 2025 में व्यापारी ने पैसे निकालने की कोशिश की। उसे बताया गया कि मुनाफे पर 5% कमीशन यानी करीब 22 लाख रुपये देने होंगे, तभी ट्रांजेक्शन प्रोसेस होगा। जोशी ने कहा कि वह खुद कुछ हिस्सा देगा, लेकिन व्यापारी को कम से कम 15 लाख रुपये देने होंगे।
जब आंखें खुलीं, तब तक बहुत देर हो चुकी थी
जोशी की ओर से पैसे देने के नाम पर बार-बार तारीखें टाली जाती रहीं। नई-नई शर्तें और पैसे मांगने के बहाने सामने आने लगे। अब व्यापारी को शक हुआ और उसने खुद जांच शुरू की। जैसे ही उसे एहसास हुआ कि ये सब एक फर्जीवाड़ा है, उसने सेंट्रल साइबर सेल में जाकर शिकायत दर्ज करवाई। अब पुलिस इस फर्जी ऐप और व्हाट्सऐप ग्रुप की जांच कर रही है।
पुलिस की चेतावनी
साइबर सेल ने इस केस के बाद आम जनता को सचेत किया है कि किसी भी सोशल मीडिया लिंक या ऑनलाइन विज्ञापन से जुड़े निवेश प्लेटफॉर्म पर सीधे निवेश न करें। पहले उनकी वैधता जांचें और हो सके तो किसी वित्तीय सलाहकार से बात करें।
कैसे बचें ऐसी चालों से
झांसे से बचें: कोई भी निवेश प्लेटफॉर्म जब अधिक मुनाफे का दावा करे, तो सतर्क हो जाएं। असली प्लेटफॉर्म्स इतनी जल्दी पैसे डबल होने का दावा नहीं करते।
रिसर्च करें: कोई भी ऐप डाउनलोड करने से पहले उसकी जांच करें। Google Play Store या Apple Store में उसका रिव्यू देखें। किसी लिंक से डायरेक्ट ऐप डाउनलोड न करें।
व्यक्तिगत जानकारीशेयर न करें: मोबाइल नंबर, बैंक डिटेल्स या OTP किसी के साथ साझा न करें, चाहे सामने वाला कितना भी प्रोफेशनल क्यों न लगे।