Income Tax :  मजदूर को आयकर विभाग से 314 करोड़ रुपये का नोटिस, दिल दहला देने वाली कहानी

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Income Tax  : आयकर विभाग से मजदूर को भेजा गया 314 करोड़ रुपये का नोटिस, जिसके बाद उसके पैरों तले जमीन खिसक गई और उसकी तबियत भी बिगड़ गई। जानिए क्या है पूरा मामला।

  • चंद्रशेखर पेशे से मजदूर हैं और रोज़ाना 200-300 रुपये कमाते हैं।
  • आयकर विभाग से 314 करोड़ रुपये का नोटिस मिलने के बाद उनकी मानसिक स्थिति बहुत खराब हो गई है।
  • इस मामले में बैंक खाता और मोबाइल नंबर से जुड़ी गड़बड़ी को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं।

Income Tax : मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में एक गरीब मजदूर के साथ एक ऐसा वाकया हुआ है, जिसे सुनकर कोई भी चौंक सकता है। दरअसल, मुलताई में रहने वाले चंद्रशेखर पंडित राव को आयकर विभाग से 314 करोड़ रुपये का नोटिस मिला है। अब आप सोच रहे होंगे कि ये नोटिस किसे और क्यों भेजा गया, तो चलिए जानते हैं इस पूरे मामले के बारे में विस्तार से।

मजदूर को मिला 314 करोड़ रुपये का टैक्स नोटिस

चंद्रशेखर पंडित राव पेशे से एक मजदूर हैं और बैतूल के मुलताई इलाके में किराए के छोटे से मकान में रहते हैं। रोज़ाना 200-300 रुपये की मेहनत से अपने परिवार का पेट पालने वाले चंद्रशेखर को आयकर विभाग से एक दिन 314 करोड़ रुपये का नोटिस मिला। इस नोटिस को देख कर न सिर्फ चंद्रशेखर बल्कि उसकी पत्नी भी बहुत घबराई। अचानक आयकर विभाग से इतना बड़ा नोटिस देखकर उनके होश उड़ गए।

नोटिस में क्या था खास?

नोटिस में चंद्रशेखर के नाम पर 314 करोड़ 79 लाख 87 हजार 883 रुपये की टैक्स देनदारी बताई गई थी। यह खबर चंद्रशेखर के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं थी। मजदूरी से जीवन यापन करने वाला व्यक्ति, जिसे कभी लाखों रुपये का ख्याल भी नहीं आया, अब उसपर करोड़ों रुपये का टैक्स चुकाने का दबाव था। चंद्रशेखर को समझ में ही नहीं आया कि ऐसा क्यों हुआ। क्या यह किसी प्रकार की गलती है या फिर कुछ और?

यह मामला कैसे सामने आया?

यह मामला तब सामने आया जब महाराष्ट्र के आयकर विभाग ने बैतूल के मुलताई नगर पालिका से एक व्यक्ति की अचल संपत्ति की जानकारी मांगी। नगर पालिका ने इस मामले की जांच की तो पता चला कि जिस व्यक्ति के बारे में आयकर विभाग जानकारी मांग रहा था, उसका नाम चंद्रशेखर पंडित राव नहीं था।

असल में, उस संपत्ति का मालिक कोई और था। इसके बाद आयकर विभाग को जानकारी दी गई कि यह भूमि मनोहर हरकचंद नाम के व्यक्ति के नाम पर है। इस गलतफहमी के बाद भी जब चंद्रशेखर को नोटिस मिला, तो उसे समझ में ही नहीं आया कि यह मामला किससे जुड़ा हुआ है।

बैंक खाता और मोबाइल नंबर की सच्चाई

चंद्रशेखर ने चार साल पहले नागपुर में एक बैंक खाता खोला था, जिसमें वह अपनी मजदूरी से कुछ पैसे जमा करता था। लेकिन इस खाते से जुड़ा मोबाइल नंबर कभी भी बैंक के सिस्टम में लिंक नहीं हुआ। ऐसे में चंद्रशेखर को यह भी पता नहीं चला कि उसके खाते में क्या हो रहा था। हो सकता है कि बैंक के इस सिस्टम में हुई चूक के कारण ही उसे इतना बड़ा टैक्स नोटिस मिला हो।

क्या यह नोटिस गलती से भेजा गया है?

यह सवाल अब हर किसी के मन में उठ रहा है कि क्या यह नोटिस गलती से भेजा गया है? आयकर विभाग के अधिकारियों का मानना है कि यह नोटिस बड़े लेन-देन के आधार पर भेजा गया है। चंद्रशेखर के नाम पर यह टैक्स शायद किसी और के लेन-देन के कारण निकला हो। अब यह जांच का विषय है कि आखिरकार यह टैक्स किसकी गलती से चंद्रशेखर के नाम पर भेजा गया।

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Alok Singh

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