Money Laundering Case: फर्जी अकाउंट से जुड़ा बड़ा घोटाला 3000 करोड़ की मनी लांड्रिंग आपको यह जानकारी के लिए बता देते हैं कि मध्य प्रदेश में एटीएस ने 3000 करोड रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग का पर्दाफाश कर दिया है।
जी हां बताया जा रहा है कि यह गिरोह ने फर्जी अकाउंट से फाइबर ठाकुर को और हवाना के द्वारा पैसों का लेनदेन किया है जिसमें 18 गिरफ्तारियां भी हो गई है।
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बताया जा रहा है कि यह 7 जनवरी को मध्य प्रदेश आतंकवाद निरोधी दस्ता द्वारा की गई कार्यवाही के दौरान यहां खुलासा हुआ है कि गुरुग्राम के सोने में एक युवक हिमांशु की मौत हो गई थी।
एटीएस पर इस मौत को लेकर के सवाल खड़ा हुआ है लेकिन कार्यवाही की असली वजह यह हाथी की मनी लॉन्ड्रिंग घोटाले का खुलासा हुआ जिसमें 3000 करोड रुपए की हेरा फेरी आ गई।
बताया जा रहा है कि एटीएस और साइबर सेल की संयुक्त टीम ने सतना और जबलपुर में एक दर्जन से अधिक युवाओं को गिरफ्तार किया और उसके बाद में पूछताछ की तो यहां एक अंतर्राष्ट्रीय साइबर फ्रॉड गिरोह का पर्दाफाश हो गया जो कि फर्जी बैंक का अकाउंट हवाला और टेरर फंडिंग का जाल फैला रहे हैं।
इन दो भाइयों ने खोले हजारों अकाउंट
आपको यह जानकारी के लिए बता देते हैं कि इस मामले की जांच में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है जिसमें बताया जा रहा है कि गिरोह के केंद्र में सतना के दो भाई है।
और उन्होंने 3 साल में 2000 से ज्यादा फर्जी अकाउंट खोलने का काम भी किया इस अपराध में दुनिया भर में बड़े साइबर और हवाला अपराधियों से भी संपर्क जोड़ चुके हैं।
बताया जा रहा है कि इस साइबर ठगी की रकम का उपयोग न केवल अपराधों में किया बल्कि हवाला के द्वारा विदेशी अपराधियों के साथ पैसों की लेनदेन को भी किया गया।
दो भाइयों ने अपराध साम्राज्य किया खड़ा
आपके यहां जानकारी के लिए बता देते हैं कि सतना के दो भाइयों ने अपनी छोटी सी दुकान में एक बड़ा अपराध साम्राज्य को खड़ा कर दिया उन्होंने युवकों को जोड़कर के और सरकारी योजनाओं का फायदा दिलाने का झांसा देकर के हजारों फर्जी अकाउंट खोले गए।
यह अकाउंट के द्वारा साइबर अपराध और हवाला के खेल में लाखों करोड़ों रुपए का लेनदेन हुआ है।
ठगी में शामिल युवकों का गिरोह
आपको यह जानकारी के लिए बता देते हैं कि यहां सतना की अंकित कुशवाहा और उसके भाई अनुराग ने एक ट्रेनिंग से शुरुआत की और छोटे से कस्बे में युवाओं को फर्जी अकाउंट बैंक खुलवाने के लिए प्रेरित किया।
इसके बाद में अकाउंट को बाद में दिल्ली झारखंड और बिहार के आपराधिक गिरोह को बेचा जाता था।
मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला से कनेक्शन
आपको यह जानकारी के लिए बता देते हैं कि पुलिस ने यहां खुलासा किया है कि फर्जी बैंक अकाउंट के द्वारा बड़ी पैमाने पर नहीं लॉन्ड्रिंग और हवाला का कारोबार चल रहा था इन अकाउंट से लाखों रुपए के ट्रांजैक्शन भी किए गए ।
जो कि विदेशों में बैठ बड़े अपराधियों को भेजे गए एटीएस और साइबर सेल की जांच में कई युवकों की गिरफ्तारी भी हुई है जिसमें लगभग 18 गिरफ्तारियां हो गई और इस में जुड़े अपना अधिकारियों का यह करना है कि यह घोटाले में और भी बड़े नाम सामने आ सकते हैं।